Thursday, 30 May 2013

दर्शनीय स्थल छोटा महादेव का निरंतर बहने वाला झरना बंद पर्यटन विकास के नाम पर विनाश की शुरुआत



दर्शनीय स्थल छोटा महादेव का निरंतर बहने वाला झरना बंद
पर्यटन विकास के नाम पर विनाश की शुरुआत
नितिन दत्ता
तामिया (छिंदवाडा) – पर्यटन के नक्शे में शुमार और मिनी पचमढी कहलाने वाले तामिया में घूमने आने वाले पर्यटको को अब निराश होना पडेगा क्योकि तामिया का प्रसिध्द दर्शनीय स्थल छोटा महादेव में निरंतर बहने वाला झरना कथित विकास की भेंट चढ गया है तामिया की जीवन रेखा माने जाने वाले झरने को बंद कर स्थानीय ग्राम पंचायत और लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग ने बडे पाइप लगाकर नीचे टंकी बना दी है| पर्यटन विकास के नाम पर कांक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहे तामिया में प्राकृतिक जलस्त्रोत मनमोहक अविरल झरने को बंद कर दिये जाने से स्थनीय लोगो में आक्रोश का माहौल है | पहले छोटा महादेव जाने के लिये कुछ दुर्गम रास्ता था उसके बाद भी भोलेनाथ के दर्शन करने श्रध्दालु एक किलोमीटर नीचे जाते थे छोटा महादेव में बारहमासी बहने वाला झरना प्रमुख आकर्षण का केंद्र था आज छोटा महादेव की यात्रा वन विभाग द्वारा बनाई पक्की सीडी और आकर्षक रैलिंग से आसन तो हो गई है लेकिन बरसो से प्रकृति प्रेमियो को लुभाने वाला झरना अब अपने अस्तित्व की लडाई लड रहा है | लगभग आठ हजार की आबादी वाले तामिया कस्बाई क्षेत्र में पेयजल के की पूरी व्यवस्था छोटा महादेव से होती है और तब भी झरना स्वतंत्र रूप से बहता था वर्तमान में पेयजल व्यवस्था के नाम पर प्रशासन ने झरना बंद कर पर्यटन विकास के नाम पर विनाश की शुरुआत कर दी है स्थानीय ग्राम पंचायत और लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग ने लाखो खर्च कर बडे पाइप लगाकर झरने के नीचे टंकी बना दी है| झरने के मुख्य केंद्र से टंकी तक पाईप लगाकर जल संग्रह किया जा रहा है मंदिर क्षेत्र के आसपास लोहे के पाइपो का जाल बिछा हुया है अब अधिकारी भीषण गर्मी में स्थानीय आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने का हवाला देकर पाईप हटाकर झरना स्थल से नीचे टंकी बनाने की बात कर रहे है |बीते साल तक सबकुछ सामान्य था लेकिन तामिया परियोजना द्वारा पेयजल व्यवस्था के लिये 79 लाख की राशि स्वीकृत की और उसके बाद स्थानीय पंचायत और पीएचई विभाग ने पाइप लाईन और अन्य कार्य शुरू किये स्थानीय लोगो की कम आवाजाही से सारे कार्य आसानी से हो गये अब लोगो को जैसे जैसे पता चल रहा है नाराजगी बढ रही है वही राजनैतिक दलो के स्थानीय लोगो का रवैया उदासीन है सबसे मजेदार बात यह है कि एक पटवारी का स्थानातंरण करवाने के लिये टेंट लगाकर धरना देने वाले कतिपय लोग और बडी सामायिक घटना पर तामिया बंद कर विरोध करने वाले बिल्कुल शांत है अभी तक समाजसेवी युवाओ के प्रयासो को छोड दे तो कोई बडा विरोध सामने नही आया है | झरने को लेकर अधिकारीयो के स्पष्ट मत नही है पीएचई के अधिकारी अब पाइप हटाकर नीचे टंकी बनाने की बात कह रहे है छोटा महादेव में जो लाखो खर्च के बाद जो स्थायी निर्माण कर पाइपो का जाल बिछाया गया है उस पर भी सवाल उठने लगे हैं | वही दूसरे विभाग कार्य में एनओसी ना देने वाले वन विभाग द्वारा तामिया वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 214 में स्थित दर्शनीय स्थल छोटा महादेव में पर्यटन विकास के लिये चारो करोडो के निमार्ण कार्य कराये लेकिन पेयजल के नाम पर के नाम झरना को बचाने के कोइ प्रयास नही किये | पर्यटन विभाग ने तामिया के पर्यटन विकास के लिये टूरिस्ट मोटल का शुभारम्भ 4 मार्च को किया था वही पीडब्लूडी रेस्ट हाउस के पास नवनिर्मित इंटरप्रीटिशन सेंटर शुरू नही हो सका है प्राकृतिक झरना बंद होने से इसका खामियाजा सभी को भुगतना पडेगा |
एक नजर में छोटामहादेव- छिंदवाडा जिले के तामिया तहसील मुख्यालय क्षेत्र तामिया में वन विभाग के रेस्ट हाउस से एक किलोमीटर नीचे सघन वन क्षेत्र में स्थित दर्शनीय स्थल छोटा महादेव पहाडियो से घिरा है छोटा महादेव में प्राकृतिक रूप से अनेको जलस्त्रोत है पहाडियो से रिसकर आने वाला पानी चारो तरफ सुंदर मनोहारी दृश्य बनाता है वर्षभर सैलानी छोटा महादेव पंहुचते है वही शिवभक्तो की आवाजाही भी हमेशा रहती है नववर्ष मकर संक्रंति और शिवरात्री में छोटा महादेव में श्रध्दालुयो का हुजुम उमड पडता है वन विभाग के विश्रामगृह से समीप नीचे की जाने पर ही रमणीक दृश्य सामने आ जाते है नीचे जाने के ठीक पहले एक प्राचीन समाधि स्थित है जहां हर आते जाते लोग एक पत्थर फेकते थे अब ऐसा कम ही होता है | अब एक किमी की गहराई के शुरू होने से पहले ही बंदरकुदनी नुमा छोटी पहाडी के नीचे कुछ सीडीया उतरने पर वन विभाग की बनाई लोहे की चबुतरामय छतरी नजर आती है उस से दांई और कुछ कदम चलने पर बारीश में धसके हुये पहाड के बडे बडे चट्टानी टुकडो के बीच टेढे मेढे रास्ते से होकर गुजरते हुये सीधा कच्चा रास्ता मिलता है वहा भी भूस्खलन के चलते मिट्टी और पत्थर के बीच पहाडो से रिसता पानी जमीन पर मिलता है यही से भगवान भोलेनाथ और झरने के पास पहुचने का एक पगडंडीनुमा रास्ता भी मिलता है सीधे चलने पर बांयी और ग्राम पंचायत तामिया का पम्पहाउस और दांयी तरफ पानी से भीगी काई की हरी चादर लपेटे पहाडी दीवार आपका स्वागत करती है इन चट्टानो में जिम्नोस्पर्म प्रजाति के फर्न और अन्य वनस्पतिया नजर आती है इस हरी दीवारो पर उकेरे कुछ नाम लिखे नजर आते है अगर आप खुए आसमान की और देखे तो पहाडो के बीच का नजारा आपके बढते कदमो को रोक देगा उपर दिखने वाली लाल पहाडी में गिध्दो का संरक्षित क्षेत्र है यानी पर्यटको को लुभाने वाला वल्चर पाईंट इस पहाडी के उपर है जहा जाने का रास्ता रेस्टहाउस के पास से है इसके उपर भी वन विभाग ने रैलिंग और वल्चर पाईंट का निर्माण किया है| इस से आगे बढकर कुछ दुर चलते ही पक्की सीडीयो की लम्बी ढलान से नीचे उतरने पर एक छोटा झरना आपका स्वागत करता है यहा पर भी पक्की टंकी बनाकर जल संग्रह किया जा रहा है | इसके ठीक आगे सुरदास बाबा की समाधि है जनचर्चा के अनुसार वर्षो पहले छोटा महादेव के शिवमंदिर में पुजारी रहे नेत्रहीन सुरदास बाबा की चोरो ने दानपेटी के रुपैयो को लूटने को लेकर हत्या कर दी थी यहा से थोडा नीचे जाने पर देवी पार्वती मंदिर के पास एक और छोटा झरना बहता था अब उस पर भी पाइप लगा दिया गया है पार्वती मंदिर के पास से गुजरती हुई बरसो पुरानी छोटी गुफा है जन सहयोग से बने पुराने पार्वती मंदिर जर्जर अवस्था में है यहा की टाइल्स सहित जमीन का छोटा टुकडा धंस गया है इस मंदिर से लगी चट्टानी दीवार से सटकर आप भोलेनाथ के मंदिर और झरने के पास पंहुचते है प्राचीन शिवमंदिर में पास ही स्थित झरने से भोलेनाथ के मंदिर में पहले एक खोखले बांस से शिवलिंग के उपर पानी आता था लेकिन अब वैसा नजारा नदारद हैं | मंदिर में अब भोलेनाथ भी पानी के अभाव में हैं | झरने के मुख्य केंद्र में पाइप लगाकर नीचे की और एक बडी टंकी का स्थाई निर्माण किया गया है जिसमें उपर के छोटे और बडे झरने से जल संग्रह किया जा रहा है इसके ठीक नीचे झरने का पानी पहले कलकल की सुमधुर ध्वनी के साथ सभी को लुभाता था हर धर्म सम्प्रदाय,हर क्षेत्र हर आयुवर्ग के लोग यहा आज भी प्रकृति के शांत वातावरण में पिकनिक मनाने पहुचते है लेकिन झरने की खामोशी अब सबको चुभती है यहा तामिया के बच्चो की बाल गणेश समिति मकरसक्रंति,शिवरात्री में भंडारे का आयोजन करती है वही यहा बीते वर्षो से हर साल गर्मी में भगवान शिव का अभिषेक चल रहा है, अभिषेक में जुटे शिव समिति के लक्ष्मीकांत सोनी प्रकाश डेहरिया सहित अन्य श्रध्दालु झरने को बंद करने से खासे नाराज है साथ ही धार्मिक आस्था के इस केंद्र का वजुद बचाने लामबंद हो रहे है
किसने क्या कहा- ब्लॉक कालोनी निवासी और समाजसेवी युवा पवन श्रीवास्तव बताते है कि छोटा महादेव में पहले अनेको जलस्त्रोत थे हम बचपन में मुख्य झरना छोड किसी भी जंगली रास्तो से जाकर पिकनिक मनाते थे तब हर तरफ हर स्थान पिकनिक स्पॉट था आज प्रकृति ने हमें जो झरना उपहार दिया है उसे बचाना हम सबका सामाजिक दायित्व है |झरना बंद किये जाने से नाराज युवा व्यवसायी और समाजसेवी यशवंत सिंग कौरव कहते है कि झरने की प्राकृतिक नैसर्गिक सुंदरता को खराब किये बिना भी पानी प्राप्त किया जा सकता है झरने का मूल स्वरूप परिवर्तित किये बिना निचले हिस्से में भी जल संग्रह किया जा सकता है श्री कौरव ने बताया कि प्राकृतिक जलस्त्रोत वाले झरने को बंद नही किया जा सकता इस मामले को लेकर माननीय उच्चन्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे |युवा संतोष साहु कहते है कि कई सालो से पानी पहले भी सप्लाई होता था तब झरने के मुह में पाइप लगाये बिना भी पानी मिलता था आज पाइप के बाद झरने से गिरती बुंदो को आप बहना नही कह सकते | हम झरने को बचाने संघर्ष करेंगे | शिक्षक राजेंद्र सिंग राजपूत कहते हैं तामिया में पेयजल व्यवस्था के लिये स्थायी विकल्प खोजना जरुरी है छोटा महादेव में बारीश में पहाडो के स्खलन से पाइपलाईन क्षतिग्रस्त हो जाती है तामिया की बढती आबादी के यह जरुरी है इससे प्रकृतिक सौन्दर्य और संसाधन दोनो बचे रहेंगे | तामिया में जागरूक युवायो में दिनेश राय नितिन दत्ता,चंद्रशेखर श्रीवास,राजेंद्र यादव,शब्बीरहसन जाफरी दिनेश मालवीय बाबा ठाकुर हिरदेश धुर्वे डॉ.कुलडीप,राजेंद्र यादव शिव साहू सहित अन्यजन प्राकृतिक झरने को बचाने की मुहिन में जुटे हुये है | 











अधिकारी उवाच –
मुझे इस बारे में आपसे जानकारी मिली है में इस बारे में देखता हूं |
‌- महेशचन्द्र चौधरी, कलेक्टर ,छिंद्वाडा
एसडीओ को छोटा महादेव मुययना के लिये भेजा गया था | तामिया की आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने के लिये पाइप लगाकर टंकी में जल संग्रह किया जा रहा है झरना बंद नही हुया गर्मी में उस से पानी कम आता है |
-एकेएस चौहान, डीएफओ,पश्चिम वनमंडल सामान्य छिंदवाडा
गरमी में पानी की समस्या के लिये पाइप लगाकर टंकी में जल संगह किया जा रहा है झरने से पाईप हटाकर टंकी नीचे बनाई जावेगी |
- एमके जैन ,एसडीओ, लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग,परसिया

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